इस सतर्कता निरीक्षक की भी शिकायतें थीं और वह बिजली विभाग का फायदा करने के बजाय खुद ही लाखों की अवैध वसूली कर अपने फायदे में लगा हुआ था।
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उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा इससे पहले पश्चिम रेलवे विजिलेंस में मुख्य सतर्कता निरीक्षक हुआ करते थे और तभी से अपनी अवैध गतिविधियों के लिए अत्यंत ' अलोकप्रिय ' रहे हैं.
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पता चला है कि 1 मार्च 2013 को अचानक डिप्टी सीवीओ / एकाउंट्स एम. बरसैकिया सहित एन. एन. पाण्डेय और एम. पी. अग्रहरि नामक एकाउंट्स साइड के दो मुख्य सतर्कता निरीक्षक (सीवीआई) दनदनाते हुए उनके चेंबर में घुसे और कापियां जांच रहे श्री सिंह से सभी कापियां जबरन छीन लिया।